ये एक सच्ची कहानी है. कहानी एक बच्ची की जिसका जन्म कुछ दुर्लभ बीमारियों के साथ हुआ. ऐसी बीमारी जो हर एक लाख मानव में से करीब पंद्रह लोगों को होती है. एक ऐसी बीमारी जिसमें शारीरिक विसंगतियाँ पीड़ितों को सामान्य लोगों की भीड़ से अलग दिखने पर विवश कर देती है.
इस बीमारी को अंग्रेजी में ‘एपर्ट सिंड्रोम’ कहा जाता है. इस 06 साल की बच्ची का नाम जेसिका फिलपोट है. ब्रिटेन की यह बच्ची जन्म से ही एपर्ट सिंड्रोम की शिकार थी. इसके कारण उसकी उंगुली और अँगूठी गलती हुई सी दिखती थी. उसके तालू में दरारें और उसकी आँखें लटकती हुई दिखती थी.
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उसके जन्म के बाद माता-पिता को थोड़ी चिंता तो हुई लेकिन उम्मीदों का दामन न छोड़ते हुए उन्होंने अपनी बेटी की इन शारीरिक विसंगतियों को दूर करने का निर्णय लिया. इस दिशा में सबसे पहला कदम उठाते हुए उन्होंने चिकित्सकों से सलाह-मशविरा किया. चिकित्सकों की सलाह से उन्होंने अच्छे शल्य-चिकित्सकों से सम्पर्क साधा और अपनी बेटी का शारीरिक परीक्षण करवाया.
शल्य-चिकित्सकों ने जेसिका के 06 वर्ष की उम्र होते-होते उसके हाथों और पाँवों की सर्जरी कर दी. उन्होंने उसकी मस्तक को सामान्य करने के लिए भी कुछ सर्जरी की है. शल्य चिकित्सकों की सफल सर्जरी के कारण अब जेसिका सामान्य बच्चों की तरह दिखने लगी है. कई बाधाओं के आने के बाद भी वह सामान्य बच्चों की तरह उनके साथ विद्यालय में पढ़ती है. पढ़ाई के अलावा वो उनके साथ घुड़सवारी और तैराकी की कक्षाओं में भी नियमित रूप से उपस्थित रहती है.
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जेसिका की माँ एक विद्यालय में प्राथमिक शिक्षक है. वह अपनी बेटी को लेकर अब तनिक भी परेशान नहीं रहती. जेसिका के अभिभावकों को इस बात की खुशी है कि इतनी कम उम्र होने के बावजूद उनकी बेटी करीब 30 सर्जरी के बाद भी सामान्य बच्चों की तरह स्वस्थ दिखती है. वो अपनी बेटी के साहस और शक्ति को प्रेरणा का स्रोत मानती है. आज वह ब्रिटेन में 06 वर्ष की उम्र में सबसे अधिक सर्जरी कराने वाली लड़कियों में से एक बन चुकी है. उसका साहस पूरे ब्रिटेनवासियों के लिए साहस की एक अद्भुत मिसाल है. Next….
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