भारत के इतिहास में एक ऐसा योद्धा जिसकी दिमागी सूझबूझ और बहादुरी ने कई बार अंग्रेजों को नाको चने चबाने पर मजबूर कर दिया. अपनी वीरता के कारण ही ये योद्धा ‘टाइगर ऑफ मैसूर के नाम से प्रसिद्ध हुआ. इस पराक्रमी योद्धा का नाम टीपू सुल्तान है.
अपने शासनकाल के दौरान भारत में बढ़ते ईस्ट इंडिया कंपनी के साम्राज्य के सामने न झुकने वाले टीपू सुल्तान अपने शौर्य और पराक्रम के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध रहे हैं. पिछले दिनों लंदन में उनकी शौर्यता की गवाह रही उनकी रत्नजड़ित तलवार जो 21 करोड़ रुपए में नीलाम हुई.
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तलवार के साथ–साथ टीपू सुल्तान से जुड़ी कुल 30 चीज़ें नीलाम की गई जिसमें कुछ हथियार और कवच भी शामिल है. इस तरह लगभग 60 लाख पाउंड यानी 56 करोड़ रुपए में उनसे संबंधित चीजें नीलाम हुई.
‘शेर-ए-मैसूर’ कहे जाने वाले टीपू सुल्तान का प्रतीक चिन्ह बाघ था जो उनसे जुड़ी चीजों पर प्रमुख रूप से अंकित मिलता है. अंग्रेजों को धूल चटाने वाले टीपू सुल्तान न सिर्फ बहादुर थे बल्कि एक कुशल योजनाकार भी थे. उन्होंने अपने क्षेत्र में छोटे से शासनकाल में विकास के अनेक कार्य किए. उनकी बहादुरी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वह सारी उम्र मेमने की तरह जीने की बजाय एक दिन शेर की तरह जीना पसंद करते थे…Next
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