हरियाणा के रोहतक में पुलिस ने रविवार को ऑल इंडिया प्री मैडिकल टैस्ट के चलने के दौरान पैसे लेकर नकल करवाने वाले समूह के चार व्यक्तियों को हिरासत में लिया है जिसमें से दो दंत-चिकित्सक और एक एमबीबीएस का छात्र है. इन आरोपियों पर संदिग्ध परीक्षार्थियों तक विशेष रूप से सिले गये इंजीनियर्ड अंतर्वस्त्र, व्हाट्स एप के जरिये उत्तर-कुंजी पहुँचाने का आरोप है.
एआईपीएमटी में नकल के इस मामले में पुलिस को उन नौ परीक्षार्थियों की तलाश है जिन्होंने इस समूह को नकल के जरिये चिकित्सक बनाने के लिये 15 से 20 लाख रूपये दिये थे. पुलिस अखिल भारतीय प्री-मेडिकल परीक्षा की 90 उत्तर-कुंजी के लीक हो जाने पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.
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पुलिस के अनुसार इस नकल गैंग की जड़ें राजस्थान और बिहार से जुड़ी हैं. हिरासत में लिये गये चार व्यक्तियों में से संचित और भूपेंदर नामक व्यक्ति दंत चिकित्सक हैं, तीसरा रवि एमबीबीएस के दूसरे वर्ष का छात्र है, वहीं चौथा राजेश है. आरोपियों ने रूप सिंह डांगी को इस नकल-गैंग का सरदार बताया है जो कि फरार है. पुलिस का कहना है कि इस नकल समूह का मास्टरमाइंड राजस्थान के अलवर से सारा काम देखता है.
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एक अन्य एमबीबीएस चिकित्सक पर आरोपियों और परीक्षार्थियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने का आरोप है जिसके नाम व परिचय की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गयी है. ये आरोपी पानीपत के एक होटल में ठहरे थे.
हरियाणा पुलिस के अनुसार आरोपियों का दावा है कि उन्होंने यह इंजीनियर्ड अंतर्वस्त्र दिल्ली के एक दुकान से खरीदी थी. इस इंजीनियर्ड अंतर्वस्त्र में सिमकार्ड यूनिट होती है जो ब्लूटूथ के जरिये ईयरपीस से जुड़ी होती है. ऐसे हर अंतर्वस्त्र की कीमत 9,000 रूपये तक होती है. आरोपियों का दावा है कि दिल्ली की इस अंतर्वस्त्र की दुकान से बिहार में 700 अंतर्वस्त्रों की पूर्ति की गयी है.Next….
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