उम्र का एक ऐसा पड़ाव आता है जब बुज़ुर्ग अपने ही घर में तन्हा हो जाते हैं. बच्चें बड़े होकर जीवन-यापन के खातिर अपने परिवार से दूर चले जाते हैं. बुज़ुर्ग अपने तन्हाइयों को दूर करने के लिए घंटों अखबार पढ़ते हैं, टेलीविजन देखते हैं, सुबह-शाम पार्क जाते हैं पर फिरभी उनके जीवन में एक सन्नाटा छाया रहता है. इसी सूनेपन को अपने जीवन से दूर करना बुज़ुर्ग यूसुफ़ को बहुत महंगा पड़ा. अब 75 साल के बुज़ुर्ग यूसुफ़ का जीवन जिल्लतों से भर गया है.
यूसुफ़ जमीला को बहन मानता था. इन सब के खिलाफ समाज ने जमीला और यूसुफ़ की ज़बरदस्ती निकाह करा दी.
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गांव वालों का कहना है कि जमीला और यूसुफ़ के बीच अवैध संबंध थे. इस कारण दोनों का निकाह कराया गया. अब समस्या यह आ रही है कि यूसुफ़़ जमीला को बहन मानते हैं. यूसुफ़़ इस विवाह के खिलाफ लोगों से अपनी नाराजगी जताई पर किसी ने इनकी एक न सुनी और दोनों का निकाह करा दिया गया. हद तो तब हो गई जब दोनों को निकाह के बाद मारपीट कर गांव से निकाल दिया गया. उपेक्षित बुज़ुर्ग यूसुफ़ और जमीला ने कब्रिस्तान में जाकर शरण ली.
इस घटना का दूसरा पहलू यह है कि पिछले सप्ताह जमीला की 18 साल की लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. युवती को दफ़नाने के बाद शनिवार को गाँव वालों ने पंचायत बुलाई. पंचायत ने जमीला पर आरोप लगाया कि उसके घर आने वाले बुजुर्ग यूसुफ़ से अवैध संबंध हैं. साथ ही आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि लड़की ने अपनी मां को बुजुर्ग यूसुफ़ के साथ आपत्तिजनक हालत देख लिया, इसी कारण दोनों ने उसे ज़हर देकर मार डाला.
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इस घटना पर यूसुफ़ का कहना है कि जमीला की लड़की को पहले से ही हैज़ा थी और उसका इलाज चल रहा था. उन्होंने जमीला से अपने निकाह को ग़लत बताया और कहा कि- जमीला तो हमारी बहन है. हम दोनों के साथ जो हुआ यह बहुत गलत है. अल्लाह इसका इंसाफ़ करेगा.” इधर इस पूरे घटनाक्रम पर स्थानीय पुलिस का कहना है कि यूसुफ़ और जमीला अब सुरक्षित अपने-अपने घरों में हैं और इस मामले की जांच हो रही है.Next…
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