लंदन में इस बिल्डिंग के बनते ही यह शहर की एक नई आकर्षण बन गई. इसके विशेष डिजाईन के कारण इसका नाम ‘वॉकी टॉकी’ रखा गया. लेकिन जल्द ही यह नई बिल्डिंग शहर के लिए नई आफत बन गई.
परेशानी इतनी बढ़ गई थी कि इस बिल्डिंग को ढंकने की नौबत आन पड़ी. अपने विशेष अवतल आकृति के कारण यह सूरज की तेज रोशनी सड़कों पर रिफलैक्ट करने लगी. हद तो तब हो गई जब इस बिल्डिंग के कारण एक कार पिघल गई.
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कुछ साल पहले मार्टिन लिंडसे ने दोपहर को अपनी जगुआर कार इस बिल्डिंग के पास पार्क करके जब एक घंटे बाद लौटे तो पाया कि उनकी कार कई जगह से पिघल गई है. उनकी कार का विंग मिरर और पैनल पिघल गए थे.
इस बिल्डिंग में लगे शीशे इसके विशेष डिजाइन के कारण अवतल लेंस की तरह व्यवहार कर रहे हैं जो सूरज की रोशनी को छोटी सी जगह मे प्रतिबिंबित करते हैं जिससे उनकी तीव्रता बेहद बढ़ जाती है.
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धूप में यह बिल्डिंग इतनी तेज चमकती है कि कोई इसकी तरफ देख भी नहीं पाता. इससे प्रतिबिंबित होने वाली सूरज की रोशनी की तीव्रता इतनी अधिक होती है कि दोपहर में इसकी रोशनी में अंडा फ्राई हो जाता है.
हलांकि मार्टिन लिंडसे की कार के हुए नुकसान के लिए बिल्डिंग के निर्मता ने माफी मांगी है और इसकी रिपेयरिंग के लिए हर्जाना भी दिया.
इस तरह की शिकायतों के बाद अब इस बिल्डिंग को ढ़क दिया गया है. गौरतलब है की 200 मिलियन पौंड की लागत से बनी इस बिल्डिंग में 37 मंजिले हैं. इसकी ऊंचाई 525 फीट है. इसकी डिजाइन राफेल विनोली नाम के अर्किटेक्ट ने बनाया. Next…
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