एक तरफ भारत में लोगों को बुलेट ट्रेन के सपने दिखाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ भारतीय रेल की हालत ये है कि लोग उसे धक्के देकर चला रहे हैं. हां आप बिलकुल ठीक पढ़ रहे हैं और यह तस्वीर इस सच्चाई को खुद-ब-खुद बयान कर रही है.
यह घटना है ग्वालियर की. शुक्रवार को छोटी पटरी पर चलने वाली कैलरस सबलगढ़ ट्रेन बीच रास्ते मे ही इंजन फेल हो जाने के कारण खड़ी हो गई. इंजन फेल होने की वजह रेल इंजन के अधिक गर्म हो जाने को बताया जा रहा है. बीच सड़क पर करीब घंटे भर ट्रेन खड़ी रही.
ट्रेन में सवार यात्री काफी देर तक किसी मदद की आस में बैठे रहे लेकिन रेलवे की तरफ से कोई मदद नहीं आई. आखिरकार यात्रियों ने खुद ही कुछ करने की सोंची. सभी यात्री ट्रेन से नीचे उतर आए और ट्रेन को सड़क से उतारने के लिए मानव शक्ति का इस्तेमाल कर ट्रेन को आगे ढ़केलने लगे.
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कुछ मीटर तक ट्रेन को यात्रियों द्वारा यूं ही धकेला गया. इस घटना से पता चलता है कि संगठन में कितना बल होता है. जब लोग संगठित होकर प्रयास करेंगे तो कम संसाधनों के बावजूद समस्या का हल निकाला जा सकता है.
सौभाग्य से यात्रियों को कुछ ही मीटर तक ट्रेन को धक्का देना पड़ा जिसके बाद ट्रेन का इंजन अपने-आप चालू हो गया. अबतक ट्रेन का इंजन ठंडा हो चुका था और ड्राइवर की थोड़ी सी कोशिश से इंजन दुबारा स्टार्ट हो गया.
इस तस्वीर को देखकर भारतीय रेल के कर्ताधर्ताओं को थोड़ी सी भी झेंप महसूस हो तो वे जनता को बुलेट ट्रेन के सपने दिखाकर इंतजार करने के लिए कहने की बजाए रेलवे की वर्तमान हालत को सुधारे. बुलेट ट्रेन से ज्यादा भारतीय रेल के यात्रियों को वर्तमान ट्रेनों में ही सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की अधिक आवश्यकता है….Next
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