इंसानियत हमेशा ही जाति, धर्म और सीमाओं से उपर रहा है जिनका सहारा लेकर कुछ लोग अपना हित साधने की कोशिश करते हैं. सीमा के उस पार कई बार हमारे विरोधियों ने हमें धोखा देने की कोशिश की है लेकिन भारत ने हमेशा ही उन्हें और उनके अवाम को इंसानियत का पाठ पढ़ाया है. जिस भारत और उनके लोगों को पाकिस्तान की सियासत और सेना अपना सबसे बड़ा दुश्मन बताती है उसी भारत के एक परिवार ने संकट के समय उनके एक नागरिक की इतनी सेवा की कि उसे भारत से प्यार हो गया और उसने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा, ‘आई लव इंडिया, ग्रेट इंडिया.
दरअसल पाकिस्तान के हामिद इमरान अपनी 13 साल की बेटी अबीहा के इलाज के लिए भारत आए हुए थे. उनकी बेटी का लीवर खराब था इसलिए वह पहले साउदी अरब के एक अस्पताल में उसका ऑपरेशन कराया हालांकि बाद में उसके लीवर में फिर से दर्द होने लगा. इस बार इमरान ने भारत की ओर रुख किया. वे इस साल 25 फरवरी को उसे लेकर दिल्ली पहुंचे जहां डॉक्टरों ने एक और ऑपरेशन की सलाह दी. अपोलो अस्पताल में 16 मार्च को अबीहा का ऑपरेशन हुआ. डॉक्टरों के मुताबिक ऑपरेशन कामयाब रहा लेकिन कुछ दिन बाद उसकी हालत फिर से बिगड़ने लगी और 07 मई को उसकी मृत्यु हो गई.
17 लाख वर्ष पुरानी है पाकिस्तान के इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति!
बेटी के जाने से हामिद इमरान को बहुत दुख हुआ. इसके बावजूद इमरान को भारत और भारतवासियों से प्यार हो गया. दरअसल जब वह पाकिस्तान से अपनी बेटी के साथ भारत आए थे तो उनके दिमाग एक ही चीज घूम रही थी कि वहां लोग उनके और उनकी बेटी के साथ कैसा सलूक करेंगे. वह डरे हुए थे हालांकि भारत में वह एक परिवार को जानते थे और चलने से पहले उनसे बात भी कर ली थी.
1200 पाकिस्तानी सैनिकों पर भारी पड़ने वाले इस आम नागरिक को मिला यह सम्मान
हामिद इमरान दिल्ली के रतनदीप सिंह कोहली के घर ठहरे हुए थे जिनके दादा चेत सिंह कभी बंटवारे से पहले पाकिस्तान में रहते थे. दिल्ली पहुंचते ही इमरान ने सोचा भी नहीं था कि रतनदीप सिंह कोहली का परिवार उनके साथ सगे-संबंधी जैसा व्यवहार करेगा. उन्होंने इमरान और उनकी बेटी का पूरा ख्याल रखा.
इमरान के मुताबिक “रतनदीप की पत्नी परमजीत वेजिटेरियन हैं, फिर भी वे हमारे लिए नॉन वेज डिश बनाती थीं. अबीहा के लिए अलग से खाना बनाती थीं, परिवार के लोग रोज तीन बार उसे (अबीहा) देखने अस्पताल आते थे, अबीहा की हर ख्वाहिश को पूरा करती थीं, इंडिया में मिली इस मोहब्बत-ओ-मदद का मैं ताउम्र कर्जदार रहूंगा.”
अबीहा ने अपने लेटर में भी लिखा है कि “सऊदी अरब में मेरी पहली सर्जरी हुई तो मैं बेहद घबराई हुई थी लेकिन इस बार मुझे पता है कि मैं सुरक्षित हाथों में हूं, इसलिए डर नहीं लग रहा है, मुझे भारत के डॉक्टर और नर्स बहुत पसंद हैं, वे मेरी जान बचाने की हर कोशिश कर रहे हैं.”…Next
Read Comments