देश में ऐसे कम ही शख्सिय्त हुए हैं जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से देश को एक सूत्र में बांधा हो. कल (सोमावार) शाम करीब पौने आठ बजे एक ऐसी ही शख्सियत का निधन हो गया. मिसाइल मैन, राष्ट्रनायक, जनता के राष्ट्रपति, भारत के अनमोल रत्न आदि कई नामों से याद किए जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने 83 साल की उम्र में 27 जुलाई 2015 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
एक प्रेरक शक्ति के रूप में युवाओं और बच्चों में याद किए जाने वाले अब्दुल कलाम किसी जाति, वर्ग या धर्म में मांपे नहीं जाते थे उनके लिए देश का संपूर्ण विकास ही सबसे बड़ा जाति और धर्म था. इसका सबसे बड़ा उदाहरण उनके निधन के बाद पैदा हुई स्थिति से अंदाजा लगाया जा सकता है.
जनता के इस नायक के निधन के बाद देश का हर एक कोना शोक की लहर में डूबा हुआ है. राज्य, जिला या ऐसा कोई गांव नहीं है जो उन्हें याद नहीं कर रहा हो. इस तरह के शख्सियत सीमाओं के बंधन को भी तोड़ देते हैं. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह अपनी सराहनीय सेवाओं के लिए याद किए जाएंगे.
वैसे ऐसी क्या वजह है जो इस तपस्वी और कर्मयोगी राष्ट्रपति को पूरा देश याद करते हुए सभी तरह के बंधनों से उपर उठने लगता है.
एक वैज्ञानिक: एक महान वैज्ञानिक के रूप में पहचाने जाने वाले अब्दुल कलाम सन 1969 में इसरो से जुड़े और भारत की पहली स्वदेश निर्मित सैटलाइट लॉन्च वीइकल प्रोजेक्ट के डायरेक्टर बने. उनका ही प्रयास था जब सन 1970 से 1990 के दौरान पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल और सैटलाइट लॉन्च वीइकल प्रॉजेक्ट सफल रहा. आज भारत पृथ्वी और अग्नि मिसाइलों को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताता है लेकिन कलाम की उसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. कलाम ने सन 1998 में भारत द्वारा पोखरण में किए गए परमाणु हथियार परीक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया था.
विकसित राष्ट्र बनाने का विजन: एक आम नागरिक का सपना होता है वही सपना अब्दुल कलाम का था. वह भारत को हर क्षेत्र में एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते थे. उनके नेतृत्व में 500 विशेषज्ञों की एक टीम ने डिपार्टमेंट ऑफ साइंसेज ऐंड टेक्नॉलजी के तहत इंडिया विजन 2020 के नाम से पहला डॉक्यूमेंट तैयार किया था, जिसमें पहली बार सन 2020 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा गया था.
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गैर राजनीतिक व्यक्तित्व: आज जहां राजनीति दल देश के महान शख्सियतों को अपने पाले में करने की लड़ाई लड़ रहे हैं वही अब्दुल कलाम अपने व्यक्तित्व की वजह से इन सबसे आगे निकल चुके हैं. उन्हें किसी दल, जाति या धर्म में बांधना उनके सोच के खिलाफ है. वह मनावता के बारे में सोचते थे इसलिए जनता उनके करीब है.
सादगी भरा जीवन: अपनी सादगी और सरल व्यवहार के लिए हमेशा अब्दुल कलाम को याद किया जाता है. एक मामूली परिवार में जन्मे कलाम देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने के बावजूद भी जमीन से जुड़े रहे. उनके बारे कहा जाता है कि जब वह अपने पद पर थे तब उन्होंने राष्ट्रपति को मिलने वाली तमाम तरह की सुख-सुविधाओं से खुद को अलग रखा था. वह फिजूल खर्ची के खिलाफ थे.
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युवाओं के प्रेरणा स्रोत: अब्दुल कलाम हमेशा ही जनता के बीच लोकप्रिय रहे हैं. खासकर युवाओं के बीच उनकी पहचान एक प्रेरणा देने वाले व्यक्ति की रही है. उनके दिल में एक सपना था वह सपना युवाओं को लेकर था जो समय-समय पर एक प्रेरक शक्ति के रूप में बाहर निकलती थी. वह हमेशा ही अपने अनुभवों से देश के युवाओं को दिशा दिखाते थे.
कुछ करने की ललक: ये अब्दुल कलाम के काम के प्रति लगन ही है जो उन्हें एक आम इंसान से देश का महान शख्सियत बनाती है. जहां देश की बात हो वह हमेशा ही आगे रहते थे. अपने राष्ट्रपति पद पद रहकर कई ऐसे फैसले भी लिए जो उन्हें दूसरे राष्ट्रपतियों से अलग करता है...Next
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