फैजाबाद के फूलचंद द्वारा अपनी पत्नी की शादी किसी और से करवाने की कहानी भले ही फिल्मी लगे लेकिन असल जिंदगी की कहानियां फिल्मी कहानियों जितनी आसान नहीं होती. फूलचंद के लिए भी यह फैसला आसान नहीं था. खैर फैजाबाद जिले के पालीपूरब गांव वाले फूलचंद ने सभी परेशानियों का सामना करते हुए न सिर्फ अपनी पत्नी चंदा का उसके प्रेमी सूरज संग शादी करवाई बल्कि वे और उनके परिवार ने विदाई के वक्त चंदा को तोहफे भी दिए.
यह किसी मेट्रो शहर की कहानी नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले के छोटे से गांव की कहानी है. गांव की रूढ़िवादी संस्कृति को देखते हुए फूलचंद का यह कदम बेहद साहसिक कहा जा सकता है. चंदा फैजाबाद के बिकापुर गांव में रहती थीं और उनका गांव के ही लड़के सूरज के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. पिता के दबाव में उसने पास के ही गांव, पालीपूरब के फूलचंद से 2012 में शादी कर ली लेकिन उसके दिल से सूरज का प्यार मिट नहीं पाया.
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शादी के बाद चंदा पालीपूरब आ गई वहीं फूलचंद को कमाने के लिए जालंधर जाना पड़ा. इस दौरान चंदा और फूलचंद की फोन पर लगातार बातें होती रही लेकिन फूलचंद की अनुपस्थिति में चंदा और सूरज का प्यार और जवान होता रहा. सूरज अब अपने रिश्तेदार से मिलने के बहाने पालीपूरब गांव अक्सर आने लगा था.
जब 4 अगस्त को फूलचंद वापस लौटे तो उन्हें एक अप्रत्याशित झटका लगा. चंदा ने न केवल फूलचंद को शादी के समय मिले सारे गहने और कपड़े लौटा दिए बल्कि उन्हें यह भी बता दिया कि उसका दिल सूरज के लिए ही धड़कता है.
फूलचंद कहते हैं कि, “मैं खुश था कि चंदा ने मझे सबकुछ सच-सच बता दिया. उस वक्त तो मुझे काफी गुस्सा आया, दुख भी हुआ लेकिन फिर मैने सोचा कि मुझे इसका कोई हल ढ़ूढ़ना होगा.”
अपने पिता के साथ इस मसले पर चर्चा करने के बाद फूलचंद चंदा के गांव गए और इस मसले पर वहां पंचायत बैठाई गई. बकौल फूलचंद “मैने सुझाव दिया कि चंदा और सूरज को विवाह करने की अनुमति दे देनी चाहिए और इससे उन्हें कोई समस्या नहीं है.”
लंबी बहस के बाद पंचायत फूलचंद के मशविरे पर सहमत हो गई. सूरज और उसके परिवार को भी बुलाया गया. सूरज और उसका परिवार भी शादी के लिए राजी हो गया और मंगलवार को उनकी शादी गांव के शिव मंदिर में करा दी गई.
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बिकापुर गांव के सरपंच रविंद्र यादव का कहना है कि, “यह दिखाता है कि हमारे नौजवान कितने परिपक्व और हिम्मती हैं. हम फूलचंद को उसके इस साहसी कदम के लिए सलाम करते हैं.” फूलचंद और उसके परिवार ने नवविवाहित जोड़े के लिए न सिर्फ शानदार भोज का आयोजन किया बल्कि विदाई के समय उसे खूब तोहफे भी दिए और एक सुखी वैवाहिक जिंदगी की दुआएं दी. Next…
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