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इस मंत्री के घर के आगे का गटर बना दो मजदूरों की मौत का कारण

बैंगलोर में मंत्री के घर के आगे मेनहोल को साफ करते हुए दो मजदूरों की दम घुटने से मृत्यु हो गई. हाथों से गटर आदि साफ करने की मनाही होने के बावजूद इन मजदूरों को गटर में उतारा गया जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई. इस घटना से शहर स्तब्ध है.


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यह 12 फीट गहरा मेनहोल इनकम टैक्स और सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट के क्वार्टर्स के बाहर हैं. विडंबना यह है कि यह घटना सामाजिक कल्याण मंत्री एच. अंजनेय के घर के सामने हुई. हाथ से सफाई करने वालों के पुर्नस्थापन की जिम्मेदारी इन्ही की है.


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मृतकों के नाम यथिराज उर्फ सेथु और प्रसन्ना कुमार है. यथिराज की उम्र 23 वर्ष थी वहीं प्रसन्ना कुमार 29 साल के थे. अभी 6 महीने पहले ही प्रसन्ना कुमार की शादी हुई थी. जब प्रसन्ना को मेनहोल से बाहर निकाला गया तो उसकी सांसे चल रही थी लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त मृत्यु हो गई.


दोनों मृतक प्राइवेट ठेकेदार नागराज के अधीन काम करते थे. नागराज को पीडब्लूडी डिपार्टमेंट द्वारा बंद गटरों के सफाई का ठेका मिला था.


सबसे पहले यथिराज बिना किसी सुरक्षा उपकरण के मेनहोल में उतरा. कुछ ही देर में वह बेहोश हो गया. प्रसन्ना कुमार जो की सफाई की देखरेख कर रहा था, यथिराज को बाहर खींचने की कोशिश करने लगा. मगर इस कोशिश में वह खुद मेनहोल में गिर गया और जहरीली गैस के चपेट में आकर वह भी होश खो बैठा. इस दौरान अन्य मजदूरों ने मदद के लिए पुकार लगाई और पुलिस को बुलाया.


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पुलिस ने दोनों कामगारों को मेनहोल से बाहर निकाला लेकिन कोई भी बच नहीं पाया. ठेकेदार और सीपीडब्लूडी के इंजीनियर को लापरवाही से हुई मौत के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के अनुसार इन दोनों को मेनहोल में मृतकों को उतरने नहीं देना चाहिए था. इन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए था कि मेनहोल को खोलने के लिए सकिंग या जेटिंग मशीन का प्रयोग किया जाए.


सामाजिक कल्याण मंत्री एच. अंजनेय ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, दोनों कामगारों के परिवारों को मदद का वादा किया है. मंत्री ने कहा कि, “हाथ से सफाई को प्रतिबंधित करने के कानून के बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं. इन मजदूरों को न तो पर्याप्त सूरक्षा उपकरण मुहैया कराया जाता है न ही सही ट्रेनिंग दी जाती है. अक्सर ये मजदूर बंधुवा मजदूर होते हैं.” Next…


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