राजधानी, शताब्दी और प्रीमियम ट्रेनों में बोतल बंद पेयजल की आपूर्ति में भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों और एक व्यवसायी को गिरफ्तार किया है. जिसके बाद रेलवे विभाग ने इन दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सूत्रों ने बताया कि घोटाले में वर्ष 1984 बैच के आईआरटीएस अधिकारी संदीप सिलास और वर्ष 1987 बैच के अधिकारी एमएस चालिया शामिल हैं. सिलस एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं.
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गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को छापे के दौरान व्यापारी श्याम बिहारी अग्रवाल तथा उनके बेटों अभिषेक तथा राहुल के पास से 27 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी जिसके बाद शनिवार को रेलवे अधिकारी संदीप सिलास और एमएस चालिया को गिरफ्तार किया गया. रेलवे के दोनों अफसरों और अग्रवाल को रविवार को अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
आपको बता दें सीबीआई ने चालिया, सिलास तथा सात निजी कंपनियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया है. ये कंपनियां हैं आरके एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम कैटर्स प्राइवेट लिमिटेड, अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट, पीके एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड, सनसाइन प्राइवेट लिमिटेड, बृंदावन फूड प्रोडक्ट और फूड वर्ल्ड.
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10 साल में बनाए 500 करोड़
सुत्रों की माने तो रेल नीर घोटाले में लिप्त जिस श्याम बिहारी अग्रवाल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है उसने मात्र 10 साल में 500 करोड़ की संपत्ति बनाई है. मूल रूप से छत्तीसगढ़ का रहने वाला श्याम बिहारी अग्रवाल साउथ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रहता है जहां सीबीआई ने छापा मारकर उसके घर से 27 करोड़ रुपये कैश बरामद किए थे.
कमसम रेस्तरा चेन का मालिक श्याम बिहारी अग्रवाल ने आरके असोसिएट्स ऐंड होटेलियर्स समेत तमाम दूसरी कंपनियों के नाम पर भारतीय रेलवे की करीब 70 फीसदी केटरिंग पर कब्जा कर रखा था. सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अग्रवाल को सभी प्रीमियम ट्रेनों के टेका (कॉन्ट्रैक्ट्स) मिल जाता था इसमें कुछ राजनेताओं और नौकरशाहों की अहम भूमिका होती…Next
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