Menu
blogid : 314 postid : 1115264

वैज्ञानिकों ने पहली बार मानव शुक्राणु के विषय में खोजी ये बातें

फिल्म थ्री ईडियट्स हो या विक्की डॉनर इन दोनो फिल्मों का एक दृश्य सबको याद होगा. यह दृश्य है शुक्राणुओं के दौड़ की. एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर से प्रत्येक स्खलन के दौरान 4 करोड़ से लेकर 120 करोड़ शुक्राणु निकलते हैं जो एक दूसरे से स्त्री के अंडे तक सबसे पहले पहुंचने के लिए प्रतिस्पर्धा हैं. सधारणत: जो शुक्राणु अंडे तक सबसे पहले पहुंचता है  वही निषेचन कर पाता है बाकी सब शुक्राणु किसी काम के नहीं होते. हालांकि फिल्मों में शुक्राणु को जिस तरह से चलते दिखाया जाता है वह सच्चाई के बेहद करीब है लेकिन ये दृश्य बनावटी ही हैं. सच्चाई यह है कि वैज्ञानिकों ने हाल ही में पहली बार अपनी आंखों से शुक्राणुओं को चलते देखा है.


061101_sperm_cell_02


यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे अब कृत्रिम फर्टिलाइजेशन के दौरान डॉक्टरों को सबसे बढ़िया शुक्राणु खोजने में मदद मिलेगी. इस खोज से अब यह भी मालूम चल पाएगा कि क्यों केवल कुछ ही शुक्राणु अंडे तक पहुंच पाते हैं. यह शोध ‘नेचर कम्युनिकेशन’ पत्रिका में छपी है.


Read: एक बार स्पर्म डोनेट कर चीन के युवा कमा रहें हैं 51,492 रुपए…जानें भारत में क्या है दाम


कुछ साल पहले शोधकर्ताओं ने यह पाया था कि स्त्री के प्रजनन तंत्र में आगे बढ़ते हुए प्रजनन तंत्र के दीवालों के नजदीक चलते हैं. लेकिन सोधकर्ता यह नहीं पता लगा पाए थे कि शुक्राणु इस तरह कैसे तैर पाते हैं. शुक्राणुओं को चलते हुए देखने के लिए टोरंटो विश्विद्यालय के शोधकर्ताओं ने टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन फ्लोरसेंस माइक्रोस्कोपी तकनीक का प्रयोग किया. इस तकनीक से किसी द्रव्य में 100 नैनोमीटर तक के सूक्ष्म कणों के तीन आयामी चाल को देखा जा सकता है.


in vitro


शोधकर्ताओं ने मानव शुक्राणु की सांड के शुक्राणुओं के साथ तुलनात्मक अध्ययन किया और पाया कि दोनो हि प्रजाति के शुक्राणु सांप की तरह सरकते हुए चलते हैं और अपनी पूंछ को आगे-पीछे दो आयामी दिशा मे हिलाते हुए आगे बढ़ते हैं. जब द्रव्य की सघनता को बढ़ाया गया तो मानव शुक्राणु की चाल, सांड के शुक्राणु से 50 फिसदी तक तेज रही. शोधकर्ताओं के निष्कर्ष के अनुसार मानव शुक्राणुओं का सांड के शुक्राणुओं से तेज चलने का कारण स्त्री के प्रजनन तंत्र का ज्यादा संकरा होना है. क्योंकि गाय की तुलना में स्त्री का प्रजनन तंत्र अधिक संकरा होता है इसलिए पुरुष शुक्राणु को कहीं अधिक गति से तैरना पड़ता है.


Read:अब आपके स्पर्म पर चलेगी आपकी मल्लिका की हुकूमत


इस खोज से अब निसंतानता के उपचार में काफी मदद मिल सकेगी. जो दंपत्ति इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के द्वारा संतान प्राप्ति करते हैं उनके लिए यह खोज वरदान साबित हो सकती है. क्योंकि यह तकनीक बहुत ही महंगी है इसलिए दंपत्ति चाहेंगे कि इसमें सर्वश्रेष्ठ शुक्राणु का ही इस्तेमाल हो.Next…


Read more:

यह है असली “विक्की डोनर” की सच्चाई

महिला के कोख की कीमत क्या हो सकती है

पोते को अपने गर्भ से जन्म देने के लिए महिला पहुंची कोर्ट में

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh