फिल्म थ्री ईडियट्स हो या विक्की डॉनर इन दोनो फिल्मों का एक दृश्य सबको याद होगा. यह दृश्य है शुक्राणुओं के दौड़ की. एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर से प्रत्येक स्खलन के दौरान 4 करोड़ से लेकर 120 करोड़ शुक्राणु निकलते हैं जो एक दूसरे से स्त्री के अंडे तक सबसे पहले पहुंचने के लिए प्रतिस्पर्धा हैं. सधारणत: जो शुक्राणु अंडे तक सबसे पहले पहुंचता है वही निषेचन कर पाता है बाकी सब शुक्राणु किसी काम के नहीं होते. हालांकि फिल्मों में शुक्राणु को जिस तरह से चलते दिखाया जाता है वह सच्चाई के बेहद करीब है लेकिन ये दृश्य बनावटी ही हैं. सच्चाई यह है कि वैज्ञानिकों ने हाल ही में पहली बार अपनी आंखों से शुक्राणुओं को चलते देखा है.
यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे अब कृत्रिम फर्टिलाइजेशन के दौरान डॉक्टरों को सबसे बढ़िया शुक्राणु खोजने में मदद मिलेगी. इस खोज से अब यह भी मालूम चल पाएगा कि क्यों केवल कुछ ही शुक्राणु अंडे तक पहुंच पाते हैं. यह शोध ‘नेचर कम्युनिकेशन’ पत्रिका में छपी है.
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कुछ साल पहले शोधकर्ताओं ने यह पाया था कि स्त्री के प्रजनन तंत्र में आगे बढ़ते हुए प्रजनन तंत्र के दीवालों के नजदीक चलते हैं. लेकिन सोधकर्ता यह नहीं पता लगा पाए थे कि शुक्राणु इस तरह कैसे तैर पाते हैं. शुक्राणुओं को चलते हुए देखने के लिए टोरंटो विश्विद्यालय के शोधकर्ताओं ने टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन फ्लोरसेंस माइक्रोस्कोपी तकनीक का प्रयोग किया. इस तकनीक से किसी द्रव्य में 100 नैनोमीटर तक के सूक्ष्म कणों के तीन आयामी चाल को देखा जा सकता है.
शोधकर्ताओं ने मानव शुक्राणु की सांड के शुक्राणुओं के साथ तुलनात्मक अध्ययन किया और पाया कि दोनो हि प्रजाति के शुक्राणु सांप की तरह सरकते हुए चलते हैं और अपनी पूंछ को आगे-पीछे दो आयामी दिशा मे हिलाते हुए आगे बढ़ते हैं. जब द्रव्य की सघनता को बढ़ाया गया तो मानव शुक्राणु की चाल, सांड के शुक्राणु से 50 फिसदी तक तेज रही. शोधकर्ताओं के निष्कर्ष के अनुसार मानव शुक्राणुओं का सांड के शुक्राणुओं से तेज चलने का कारण स्त्री के प्रजनन तंत्र का ज्यादा संकरा होना है. क्योंकि गाय की तुलना में स्त्री का प्रजनन तंत्र अधिक संकरा होता है इसलिए पुरुष शुक्राणु को कहीं अधिक गति से तैरना पड़ता है.
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इस खोज से अब निसंतानता के उपचार में काफी मदद मिल सकेगी. जो दंपत्ति इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के द्वारा संतान प्राप्ति करते हैं उनके लिए यह खोज वरदान साबित हो सकती है. क्योंकि यह तकनीक बहुत ही महंगी है इसलिए दंपत्ति चाहेंगे कि इसमें सर्वश्रेष्ठ शुक्राणु का ही इस्तेमाल हो.Next…
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