उत्तर प्रदेश के रामपुर जिला अस्पताल में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बच्चे की डिलीवरी के लिए जिस बर्बर तरीके का इस्तेमाल किया उसकी दूसरी मिसाल मिलना शायद मुश्किल है. गर्भ में बच्चा उल्टा हो गया था और उसकी टांग पहले बाहर निकली. जब बच्चे को गर्भ से निकालने में डॉक्टर को कठिनाई महसूस हुई तो उसने शिशु की टांग में एक रस्सी बांधी और उसे खींचकर बाहर निकालने की कोशिश करने लगी. इस बर्बर तरीके का अंजाम यह हुआ कि शिशु का धड़ तो गर्भ से बाहर आ गया लेकिन उसका सिर उखड़कर गर्भ में ही फंसा रह गया.
डॉक्टर की बर्बरता इतने पर ही समाप्त नहीं हुई. उसने सिरविहीन शुशु के शरीर को कचड़े के डब्बे में फेंक दिया और गर्भ में फंसे सर को सर्जरी के द्वारा बाहर निकालने में जुट गई. इस मामले को लेकर डॉ. तैयबा इकबाल और ड्यूटी पर तैनात नर्स पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है. नर्स का नाम माधुरी बताया जा रहा है.
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खबर के फैलने के बाद लोगों का समूह अस्पताल के बाहर इस घटना का विरोध करने के लिए जमा हुआ. जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी जोशना पंत ने बताया कि, “पीड़ित स्त्री अहमदनगर- तारना गांव की रहने वाली थी. डॉक्टर ने शिशु के पांव में रस्सी बांधकर गर्भ से बाहर खींचने की कोशिश की थी.” डॉ. पंत ने आगे बताया कि इस प्रक्रिया में शिशु का सिर गर्भ में ही रह गया था.
डॉ. पंत ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि क्यों ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने डिलीवरी के लिए इतने विचित्र तरीके का इस्तेमाल किया.
पीड़ित स्त्री के एक परिजन ने मीडिया को बताया कि, “डॉक्टर और नर्स दोनो फरार है. हम अपने मरीज को खून में लथपथ, और सिरविहीन शिशु को देखकर हैरान रह गए थे.”
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हालांकि मंगलवार को पुलिस डॉ. इकबाल और नर्स को गिरफ्तार करने में कामयाब रही. दोनो के ऊपर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और 315 के तहत मामला दर्ज किया गया है. Next…
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