फिल्मी कहानियों में आपने सुना या देखा होगा कि मालिक ने अपने निधन से पहले जायदाद का एक हिस्सा अपने नौकर के नाम कर देता है. कुछ इसी तरह की घटना गुजरात के जाने माने आर्टिस्ट जेरामभाई पटेल के निधन पर हुई.
गौरतलब है कि सोमवार को 86 साल की उम्र में मशहूर आर्टिस्ट जेरामभाई पटेल का निधन हो गया. लेकिन इससे पहले वे अपने सेवक डायाभाई मारवाड़ी के खाते में एक करोड़ और आठ लोगों को 50 हजार से दो लाख रुपए दान में दिए.
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दरअसल लकवाग्रस्त जेरामभाई किसी की मदद के बिना वो कोई काम नहीं कर पाते थे. इसलिए डायाभाई एक सेवक के रूप उनकी सेवा करते थे. डायाभाई कहते हैं, ‘ मैं 12 साल की उम्र से साहब (जेरामभाई) की सेवा करता आ रहा हूं. उनसे मेरा परिचय वडोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी में हुआ. साहब ने कहा तो मैं उनके साथ ही रहने लगा. मैं खुशकिस्मत हूं कि उनकी मेहनत से मुझ जैसे लोगों की जिंदगी संवर गई.’
तीन बार ललित कला अकादमी समेत कई नेशनल इंटरनेशनल अवॉर्ड से नवाजे जा चुके जेरामभाई पटेल ने पेंटिंग्स, स्कल्पचर और आर्टवर्क पर काम किया है. मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से पढ़े जेरामभाई की पेंटिंग्स एक्जिबिशन देश-विदेशों में दिखाई जा चुकी है. अपने आखिरी वक्त में उन्होंने बहुत ही कम दाम में पेंटिंग्स और स्कल्पचर बेचे. उन्होंने 250 के करीब पेंटिंग्स और स्कल्पचर दिल्ली की किरण नादार म्यूजियम को 6 करोड़ रुपए में दे दिया था. उन्होंने गिफ्ट में मिले कई बड़े कलाकारों की पेंटिंग्स भी म्यूजियम को दे दी. जानकारों का कहना है कि अगर जेरामभाई अपना आर्टवर्क बाजार में बेचते तो कम से कम 25 करोड़ रुपए जरूर मिलते….Next
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