आपने अक्सर ऐसी खबरें सुनी कि आसमान से उड़ता हुआ प्लेन हाइजैक हो गया. लेकिन अगर कोई आपसे ये कहे इस बार प्लेन नहीं बल्कि रोज लाखों लोगों की लाइफ लाइन माने जाने वाली दिल्ली मेट्रो गायब हो गई, तो शायद आपको यकीन नहीं होगा. लेकिन कुछ ऐसा ही वाक्या पेश आया सोमवार की सुबह. जब ब्लू लाइन यानी वैशाली/नोएडा-द्वारका कॉरिडोर पर सोमवार सुबह अचानक ट्रैक से एक मेट्रो गायब हो गई. मेट्रो के गायब होने के बारे में किसी के पास भी कोई सूचना नहीं थी क्योंकि सिग्नल न मिल पाने के कारण मेट्रो चला रहे स्टाफ से संपर्क नहीं हो पा रहा था.
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हालांकि बाद में कर्मचारियों ने मेट्रो को ढूंढने में कामयाबी हासिल की. खास बात यह भी रही कि ट्रैक से गायब हुई मेट्रो यात्रियों से भरी हुई थी. सोमवार को मेट्रो के इस रूट पर यह खराबी पीक आवर्स के दौरान हुई. यह तकनीकी खामी आधे घंटे तक जारी रही, जिसकी वजह से आरके आश्रम से द्वारका जाने वाली मेट्रो की लोकेशन का पता चल नहीं पा रहा था. अधिकारियों के मुताबिक ट्रैक सर्किट में तकनीकी खामी की वजह से ऐसा हुआ था. तकनीकी पहलुओं पर गौर करें तो सर्किट ड्रॉप होने से मेट्रो की लोकेशन का पता नहीं चल पाता है.
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डीएमआरसी के प्रवक्ता के मुताबिक यह समस्या सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुई और नौ बजे तक इसे दुरुस्त कर दिया गया था. एक मेट्रो ट्रेन की लोकेशन को ट्रैक करने में इस दिक्कत की वजह से बाकी मेट्रो सेवाएंं भी इस दौरान बाधित हुई. बदरपुर जाने वाली लाइन पर भी करीब 20-25 मिनट की देरी हुई जिसकी वजह से केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन पर खचाखच भीड़ लग गई. समय रहते इस समस्या को सुलझा लिया गया लेकिन इतने बड़े मेट्रो नेटवर्क में हुई इस तकनीकी खराबी ने एक बार फिर दिल्ली मेट्रो की लचर व्यवस्था की पोल खोल दी है…Next
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