शहीद हुए 18 सैनिकों के बच्चों के लिए इस बिजनेसमैन ने लिया बड़ा फैसला
उड़ी में हाल ही में आतंकी हमले ने परे देश को झकझोर कर रख दिया है. वहीं दूसरी तरफ सूरत के एक बिजनेसमैन ने एक ऐसी घोषणा है जिसे सुनकर ना केवल आपको उपर गर्व होगा बल्कि आप उनकी इस सोच को सलाम भी करेंगे. सूरत के मशूहर बिजनेसमैन में से एक महेश सवाणी हमेशा से ही सामाजिक कार्य करते आएं हैं और एक बार फिर उन्होंने एक ऐसा फैसला लिया है जिसे सुनकर आप भी उन्हें सलाम करेंगे.
कौन हैं मेहश सवाणी
पीपी सवाणी ग्रुप के महेश सवाणी सूरत के जाने मानें बिजनेसमैन में से एक हैं. उन्हें उनके बिजनेस के लिए कम और उनके सामाजिक कामों के लिए ज्यादा जाना जाता है. दरअसल मेहश पिछले कई सालों से सामिहक विवाह जैसे कार्य कर रहे हैं जिसके तहत वो अपने पैसों से हर साल हजारों गरीब लड़कियों का विवाह कराते हैं.
2012 से कर रहे हैं शादियों का आयोजन
महेश के करीबी दोस्त की मौत के बाद उनकी दोनों बेटियां अकेली रह गई थी, तब से महेश ने ही उनका ख्याल रखा और उनकी शादी करवाई. तब से लेकर आजतक महेश हर उस लड़की के लिए आगे आते हैं जो शादी का खर्च नहीं उठा सकती है. 2012 तक उन्होंने केवल दान किया लेकिन अब वो खुद सामूहिक विवाह का आयोजन करते हैं.
बेटियों का रखते हैं खास ख्याल
महेश ने उड़ी हमलों के बाद ये फैसला लिया है कि वो शहीद के परिवार के बच्चों का खर्च उठाएंगे. उन्होंने ये फैसला तब लिया जब उन्होंने हमले में शहीद हुए बच्चों को टीवी पर देखा और ये बोलते हुए सुना कि वो आगे चलकर देश की सेवा करेंगे, साथ ही अपनी पढ़ाई भी करेंगे. बच्चों के इस बयान से महेश प्रभावित हुए औऱ उनकी मदद के लिए आगे आएं हैं.
शहीद हुए सेनिक के परिवार हैं गरीब
हमले में शहीद हुए 18 जवान के परिवार उतने सक्षम नहीं है कि वो अपने परिवार का खर्च उठा सकें. साथ ही अपने बच्चो की शिक्षा और उनके आन वाले भविष्य को संवार सकें. इसी सब को देखते हुए सवाणी ने ये फैसला लिया है.
शहीद के बच्चों के देंगे मुफ्त शिक्षा
महेश ने एक बयान जारी करके कहा है कि, ‘उरी हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों को जहां भी और जो भी पढ़ाई करनी हो वे करें, उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च मैं उठाऊंगा. यदि वो मेरे स्कूल (पीपी सवानी इंटरनेशनल स्कूल)में पढ़ना चाहें तो उनके हॉस्टल में रहने का खर्च मैं पर्सनली उठाऊंगा.
खुद ही बेटी नहीं है
महेश सवाणी ने कहा कि शहीदों के बच्चों ने जिस साहस का परिचय दिया है, उससे मैं गर्व का अनुभव करता हूं. मेरे कोई बेटी नहीं है, इसलिए बेटियों की कमी और उनके दर्द को समझता हूं. इसलिए मैंने ये करने का फैसला लिया है…Next
उड़ी में हाल ही में आतंकी हमले ने परे देश को झकझोर कर रख दिया है. वहीं दूसरी तरफ सूरत के एक बिजनेसमैन ने एक ऐसी घोषणा की है जिसे सुनकर ना केवल आपको उनपर गर्व होगा बल्कि आप उनकी इस सोच को सलाम भी करेंगे. सूरत के मशूहर बिजनेसमैन महेश सवाणी ने एक फैसला लिया है कि वो उड़ी हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों के पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएंगे.
कौन हैं मेहश सवाणी
पीपी सवाणी ग्रुप के मालिक महेश सवाणी सूरत के जाने माने बिजनेसमैन हैं. उन्हें उनके बिजनेस के लिए कम और उनके सामाजिक कार्यों के लिए ज्यादा जाना जाता है. दरअसल मेहश पिछले कई सालों से सामूहिक विवाह जैसे कार्य कर रहे हैं जिसके तहत वो अपने पैसों से हर साल हजारों गरीब लड़कियों का विवाह कराते हैं.
2012 से कर रहे हैं शादियों का आयोजन
महेश के करीबी दोस्त की मौत के बाद उनकी दोनों बेटियां अकेली रह गई थी, तब से महेश ने ही उनका ख्याल रखा और उनकी शादी करवाई. तब से लेकर आजतक महेश हर उस लड़की के लिए आगे आते हैं जो शादी का खर्च नहीं उठा सकती है. 2012 तक उन्होंने केवल दान किया लेकिन अब वो खुद सामूहिक विवाह का आयोजन करते हैं.
शहीद के बच्चों से प्रभावित हुए महेश
महेश ने उड़ी हमलों के बाद ये फैसला लिया है कि वो शहीद के परिवार के बच्चों का खर्च उठाएंगे. उन्होंने ये फैसला तब लिया जब उन्होंने हमले में शहीद हुए बच्चों को टीवी पर देखा और ये बोलते हुए सुना कि वो आगे चलकर देश की सेवा करेंगे, साथ ही अपनी पढ़ाई भी करेंगे. बच्चों के इस बयान से महेश प्रभावित हुए औऱ उनकी मदद के लिए आगे आए हैं.
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शहीद हुए सैनिकों के बच्चों का भविष्य सुधारेंगे
हमले में शहीद हुए 18 जवान के परिवार उतने सक्षम नहीं है कि वो अपने परिवार का खर्च उठा सकें. साथ ही अपने बच्चो की शिक्षा और उनके आन वाले भविष्य को संवार सकें. इसी सब को देखते हुए सवाणी ने ये फैसला लिया है.
शहीद के बच्चों को देंगे मुफ्त शिक्षा
महेश ने एक बयान जारी करके कहा है कि, ‘उरी हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों को जहां भी और जो भी पढ़ाई करनी हो वे करें, उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च मैं उठाऊंगा. यदि वो मेरे स्कूल (पीपी सवानी इंटरनेशनल स्कूल) में पढ़ना चाहें तो उनके हॉस्टल में रहने का खर्च मैं पर्सनली उठाऊंगा.
महेश सवाणी ने कहा कि ‘शहीदों के बच्चों ने जिस साहस का परिचय दिया है, उससे मैं गर्व का अनुभव करता हूं. मेरी कोई बेटी नहीं है, इसलिए में बेटियों की कमी और उनके दर्द को समझता हूं’…Next
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