सावधानी ही बचाव है. अक्सर ऐसा कहा जाता है, आप किसी घटना में फंसने के बाद उससे निकले इससे कहीं बेहतर है कि आप इतनी सावधानी बरते कि आपके साथ ऐसी घटना पेश ही ना आए. जैसे बेंगलुरु में अगर प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए सुरक्षा के इंतजाम किए होते तो उन आवारा लड़कों की इतनी हिम्मत आगे नहीं बढ़ती. ऐसी घटनाएं आए दिन सामने आती है, जिसके बाद सियासत शुरू हो जाती है, लेकिन कम से कम इतना काम तो प्रशासन कर दी देती है कि अपनी चारों ओर किरकिरी होने के बाद कोई एक्शन ले.
कुछ ऐसा ही नया नियम देखने को मिला है डीएमआरसी में. दरअसल, सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) ने फैसला लिया है कि अपनी सुरक्षा के लिए महिलाएं अपने पास 4 इंच तक का चाकू रख सकती हैं. इसके अलावा मैट्रो में लाइटर और माचिस भी ले जा सकते हैं.
माना जा रहा है इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये है कि बीते सालों में सीआईएसएफ के जवानों को लड़कियों के पास से चाकू जैसी धारदार चीजें बरामद हुई थी. पूछताछ में ये बात सामने आई कि लड़कियां इस तरह की चीजें अपनी सुरक्षा के लिए रखती हैं. इसके अलावा कई लड़कियों के बैग से सेल्फ डिफेंस के लिए रखे गए सामान में लाल मिर्च पाउडर भी बरामद हुई थी.
जिसके बाद काफी चर्चा करने के बाद फैसला लिया गया कि सुरक्षा के नाम पर महिलाएं अपने पास चाकू रख सकती हैं. रखते हैं नए साल पर बेंगलुरु में हुई शर्मनाक घटना के बाद पूरे देश की पुलिस बहुत चौंकसी बरत रहे हैं. ऐसे में सरकार ने कई ऐसे मामलों पर चर्चा शुरू कर दी है, जो महिला सुरक्षा की दिशा में खतरनाक साबित हो सकते हैं…Next
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