बीते दिनों एक खबर खूब वायरल हुई थी, जिसमें एक सरकारी विभाग में सफाई कर्मचारी की भर्ती के लिए पीएचडी कर चुके लोग भी आवेदन कर रहे थे. जबकि इस पद के लिए अनिवार्य शिक्षा सिर्फ आठवीं पास मांगी गई थी. देश की ऐसी स्थिति को देखकर लगता है कि बेरोजगारी किस कदर देश पर हावी है, वहीं सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि ज्यादातर लोग केवल सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, उन्हें इस बात से बिल्कुल फर्क नहीं पड़ता कि वो किस पद या किस विभाग की नौकरी है, क्योंकि हर कोई जानता हैं कि सरकारी नौकरी में चपरासी भी राजा होता है.
इस सोच को सही ठहराती ऐसी ही एक खबर आ रही है गुजरात से. गुजरात जल संसाधन विकास निगम में चपरासी के पद पर काम करने वाले व्यक्ति के पास 14.17 करोड़ रुपए की संपत्ति बरामद हुई है. उसकी सैलेरी के हिसाब से उसकी संपत्ति बहुत ज्यादा है, जिसमें तीन जमीन, तीन फ्लैट और दो लक्जरी कार भी है.
इस व्यक्ति की इतनी संपत्ति देखकर एसीबी जांच में जुट गई है. उन्हें अंदेशा है कि जांच में इस व्यक्ति की और भी संपत्ति सामने आ सकती है. हंसमुख लाल रावल नाम के इस व्यक्ति की पत्नी गांधी नगर (गुजरात) जिला पंचायत की मुख्य सदस्य भी हैं, जिसके पास 12.53 लाख रुपए के सोने के जेवर के साथ 3.82 लाख रुपए के दूसरे कीमती सामान भी बरामद हुए हैं. अपने बचाव में रावल का कहना है कि ये संपत्ति उसकी पत्नी की कमाई से जोड़ी गई है. जबकि प्लाट उसकी पत्नी ने खरीदकर उसके नाम कर दिए हैं.
(सभी तस्वीरें प्रतीकात्मक हैं)
पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है. बीते दिनों से गुजरात में ऐसी कई घटनाएं सामने आई है, जब सरकारी महकमे से ऐसे कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है, जिनके पास भी आय से अधिक संपत्ति बरामद हुई है.
अभी बीते दिनों एक सरकारी विभाग में काम करने वाके क्लर्क के पास 11 करोड़ रुपए की संपत्ति बरामद हुई थी. नोटबंदी के बाद ऐसे छापेमारी में ऐसे मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है…Next
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