चुनाव आने वाले हैं, ऐसे में हर कोई लोगों से यही कह रहा है कि मतदान करें, क्योंकि यह हमें हमारे अधिकारों से परिचित करवाता है. भारत में वोटरों को जागरुक करने के लिए हर साल ‘नेशनल वोटर्स डे’ मनाया जाता है, लेकिन फिर भी देश के कई राज्यों में लोग अपने वोट को लेकर सचेत नहीं हैं. लेकिन इसी देश में एक ऐसा राज्य भी है जहां पर वोट देने एक अकेला शख्स आता है.
केंद्र हो या राज्य भारत में पांच साल पर चुनाव होते हैं और अगर आप को चुनी हुई पार्टी का काम पसंद ना आए तो आप अपने मन से दूसरी पार्टी को चुन सकते हैं. वोट एक आम आदमी की सबसे बड़ी ताकत है. ये किसी भी सरकार को बना और बिगाड़ सकती है इसलिए हमें वोट की अहमियत को समझना चाहिए.
भारत के हर क्षेत्र में साफ-सुथरे और निष्पक्ष रूप से चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग का गठन हुआ है, जो चुनाव की तारीख तय करता है, साथ ही चुनाव की गतिविधियों पर भी बारिकी से नजर रखता है, क्योंकि एक वोट देश की दिशा को बदल सकता है.
चुनाव आयोग यानि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के मुताबिक अरुणाचल ईस्ट पार्लियामेंट्री कॉनस्टीट्युएनसी के मिआओ असेंबली में आने वाले धर्मपुर के पोलिंग स्टेशन-29 में केवल एक व्यक्ति वोट डालने आता है और उसके लिए चुनाव आयोग उसी तरह से तैयारी करता है जैसे किसी बड़े शहर के लिए.
ये सोचकर आप हैरान जरूर हो रहे होंगे कि एक वोटर के लिए आखिर चुनाव आयोग इतना पैसा क्यों खर्च करता है या फिर इतनी मेहनत क्यों करता है तो इसका सीधा जवाब है वोट, ये हम सबका का अधिकार है जिसका प्रयोग हमें अपने हित के लिए करना चाहिए…Next
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