एक मोची जो दिन में ना जाने कितने लोगों के पैरों के जूते की धूल साफ करता है और अपनी जीवन की गाड़ी को बढ़ाने के लिए दिन-रात धूप और बारिश में बैठा रहता है. जरा सोचिए! किसी रोड़ किनारे बैठे मोची को आयकर विभाग से एक नोटिस मिल जाए तो कैसा लगेगा और वो भी इस बात पर कि उसके खाते में लाखों रुपये जमा हैं.
दरअसल गुजरात के जूनागढ़ शहर के एक मोची को इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस भेजा है. मोची को जब ये नोटिस मिला तो उसे कुछ देर तो समझ ही नहीं आया कि उसने किया क्या है, बाद में उसे पता चला कि उसके खाते में 10 लाख रुपये हैं जिस वजह से उसे ये नोटिस दिया गया है.
नोटबंदी के दौरान किसी ने इस मोची के खाते में 10 लाख रुपये जमा करवा दिए होंगे, जिस वजह से इनके खाते में इतने सारे रुपये आ गए. जबकि मोची ने कहा कि उसके पास इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और उसके खाते में ये पैसे किसके हैं और कहां से आए हैं ये भी नहीं पता है उसे.
मोची मकवाना ने कहा, ‘मैं हैरान और परेशान हूं. मैंने अपने जीवन में कभी इतना धन नहीं कमाया. रोजाना बमुश्किल 200 रुपये कमा पाता हूं. मैं भला कैसे इतनी बड़ी रकम जमा कर सकता हूं. इस नोटिस ने मुझे इतना डरा दिया कि मैं एक आत्महत्या करने की सोचने लगा था.’ मकवाना ने कहा ‘वो पिछले 25 सालों से ये काम कर रहा है और अगर उसके पास पैसा होता तो वो ऐसा काम क्यों करता’, उन्होंने कहा कि उनका बैंक ऑफ बड़ौदा में एक जनधन खाता है. इस पूरे मामले की जानकारी जब वहां के बीजेपी के विधायक महेंद्र मशरू मकवाना को मिली तो उन्होंने इस मामले में मकवाना का साथ देने का वायदा किया है.
जूनागढ़ से भाजपा के विधायक महेंद्र मशरू मकवाना ने कहा, आयकर विभाग की ओर से कुछ तकनीकी मुद्दे की वजह से नोटिस मिला हो, उन्होंने दावा किया कि मकवाना के बैंक खाते में कोई भी संदिग्ध लेन-देन का कोई साक्ष्य नहीं है और उन्होंने आश्वस्त किया कि जरूरत पड़ने पर वह उनके साथ आयकर विभाग के पास जाएंगे’….Next
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