भारत-पाक सीमा पर आजकल तनाव बेहद बढ़ गया है. आए दिनों भारत की चौकियों पर पाक सैनिक सीजफायर को तोड़कर हमला करते हैं. कई बार ऐसे ही सीजफायर में भारत के सैनिक शहीद हो चुके हैं. लेकिन बांदीपोरा के संबल कैंप पर सीआरपीएफ शिविर में जब हमला होने वाला था, उसी दौरान सीआरपीएफ कमांडेंट इकबाल अहमद ने आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया और इकबाल को इस बात की जानकारी इसलिए मिल पाई क्योंकि वो अपनी सहरी खाने के लिए जल्दी उठे थे.
सीआरपीएफ जवानों ने बांदीपोरा के संबल कैंप पर हुए आतंकी हमले को नाकाम करने में सफलता हासिल की है. जिसकी तारीफ खुद गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी कर चुके हैं. इस आतंकी हमले को नाकाम करने में कमांडेंट इकबाल अहमद का अहम रोल था.
वायरलेस पर उनको जानकारी मिली कि कैंप पर आतंकी हमला हो गया है. सहरी छोड़ वह अपनी असॉल्ट राइफल लेकर नजदीकी कैंप की ओर भागे.
लश्कर-ए-तैयबा के 4 आतंकी कैंप पर हमले को अंजाम दे रहे थे, हमला नाकाम होने की वजह से कई जवानों की जिंदगियां बचाई जा सकीं. जिस समय कमांडेंट इकबाल को वायरलेस पर सूचना मिली वह संबल कैंप से करीब 200-300 मीटर की दूरी पर थे. रमजान के दौरान रोजा रखे अफसर इकबाल मौके पर तुरंत पहुंचे और तबतक रुके रहे जबतक चारों आतंकियों को मार नहीं गिराया गया.
संबल कैंप पर हुए आतंकी हमले को नाकाम करने में दो कुत्तों ने भी सेना की मदद की. दरअसल ये कुत्ते अक्सर सीआरपीएफ के जवानों के साथ रहते हैं. हमले से ठीक पहले ये दोनों कुत्ते लगातार भौंक रहे थे, जिस वजह से वहां पर मौजूद सेना को ये आशंका हो गई थी कि कुछ गड़बड़ हो रही है. सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुत्तों ने कई लोगों की जिंदगी बचा दी…Next
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