विदेशों में जो सामान्य बात है हमारे देश में उसे मुहिम की तरह समझाना पड़ता है फिर कहते हैं हम विकास कर रहे हैं. गांव-गांव और घर-घर शौचालय बनवाने की मुहिम. आपने कई विज्ञापनों में देखा होगा, जहां बड़े-बड़े फिल्म स्टार शौचालय बनवाने की मुहिम छेड़ते हुए दिखाई देते हैं.
वहीं गांव और महानगरों के ग्रामीण इलाकों में कुछ लोग सुबह जल्दी उठकर सुनसान और खीली जगहों पर अपना काम निपटाकर आ जाते हैं. ऐसे लोगों के लिए अब एक सेना बनाई गई है.
दरअसल, मुंबई के पास ठाणे में निगम स्कूल के टीचर और बच्चों ने एक ‘आर्मी’ बनाई है जो शहर में खुले में शौच करने वालों को रोकेगी. यह टीम ‘वानर सेना’ के नाम से काम करेगी. स्कूल टीचर्स और स्टूडेंट्स का यह स्वयंसेवी ग्रुप स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाएगा और अपने आसपास के इलाकों में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करेगा. इन लोगों को ठाणे म्युनिसिपल कमीश्नर संजीव जयसवाल ने इस मुहिम का हिस्सा बनने के लिए राजी किया है.
हालांकि, कुछ टीचर ने इसका विरोध भी किया. उनका कहना था कि उन्हें इसके लिए कोई मेहनताना नहीं मिल रहा है. इस कार्यक्रम में 31 हजार स्टूडेंट और 1800 टीचर हिस्सा लेंगे. इसके अलावा टीचर और स्टूडेंट को यह भी जानकारी देनी होगी कि उनके घर और आसपास घरों में ही शौचालय बने हैं. टीचर और स्टूडेंट की इस जानकारी को ही सर्वे का आधार बनाया जाएगा.
वहीं राज्य में सत्ताधारी बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने इस फैसले का विरोध किया है. शिवसेना की शिक्षक इकाई महाराष्ट्र टीचर्स सेना के ठाणे के प्रमुख गोकुल पाटिल ने बताया, ‘हमारे संगठन ने इस अभियान का विरोध करने का फैसला लिया है. जनसंख्या अभियान और चुनाव से संबंधित अभियान के बाद इस तरह का काम टीचर के बोझ को और बढ़ा देगा. टीचर्स पर नॉन टीचिंग काम का बोझ और नहीं बढ़ाया जा सकता है. शिवसेना का कहना है कि इस काम के लिए बेरोजगार युवकों को सैलेरी देकर लगवाना चाहिए…Next
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