चंडीगढ़ में सीनियर आईएएस ऑफिसर की बेटी वर्णिका कुंडू से छेड़छाड़ का मामला सियासी गलियारों से लेकर मीडिया तक में छाया हुआ है। हाईप्रोफाइल मामला होने की वजह से सभी की इस पर निगाह है। घटना में भी अभी तक कई मोड़ आए हैं।
सबसे ज्यादा बहस इस बात पर है कि आरोपी विकास बराला व उसके साथी पर उन धाराओं में मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया, जो गैर जमानती थीं। आइए जानते हैं कि विकास और उसके साथी पर जिन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है, उनमें और जिन धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग हो रही है, उनमें सजा का क्या प्रावधान है।
आरोपियों पर लगी हैं ये धाराएं
354D- किसी लड़की या महिला का पीछा करने या फिर कॉन्टैक्ट करने का प्रयास यानी स्टॉकिंग के मामले में 354डी के तहत केस दर्ज होता है। इसमें दोषी पाए जाने पर अधिकतम तीन साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जा सकता है।
341- जबरन रोकने का प्रयास पर इस धारा के तहत मामला दर्ज होता है। इसमें दोषी पाए जाने पर एक महीने की सामान्य सजा और जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है।
मोटर व्हीकल एक्ट 185- शराब या नशीली दवाओं का सेवन करके गाड़ी चलाने पर इसके तहत मामला दर्ज होता है। इसमें दोषी पाए जाने पर 6 महीने की सजा या दो हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों दंड दिए जा सकते हैं।
ये धाराएं लगने पर हो सकती है सात साल की सजा
आरोपी विकास बराला और उसके साथी पर आईपीसी की धारा 365 और 511 लगाए जाने की मांग की जा रही है। कहा जा रहा है कि पहले पुलिस ने इन धाराओं में मामला दर्ज किया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण इन्हें हटा दिया गया। इस वजह से पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोपियों पर यदि अपहरण के प्रयास की धारा 365 लगती है, तो इसमें अधिकतम सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। यह नॉन बेलेबल धारा है।
वहीं, धारा 511 लगने पर भी गंभीर सजा का प्रावधान है। यह धारा तब लगाई जाती है, जब कोई आजीवन कारावास या कारावास से दण्डनीय अपराध करने का प्रयास करता है। इस केस में बलात्कार के लिए प्रयास करने के लिए यह धारा लगाने की मांग हो रही है। इसमें जुर्माने के साथ ही आजीवन कारावास के दण्ड की आधी सजा का प्रावधान है।
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