एक कहावत है ‘खेल को खेल की तरह खेल’. लेकिन कुछ लोग खेल को भी जंग मान बैठते हैं. उनके लिए विरोधी टीम, दुश्मन से कम नहीं होती. इनमें से कुछ फैंस तो ऐसे होते हैं, जो विरोधी टीम को नीचा दिखाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं जबकि किसी भी खेल को खेलने और देखने के लिए खेल भावना का होना बेहद जरूरी है. लेकिन इससे परे कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती हैं, जिसे खेलभावना को गहरी ठेस पहुंचती है.
गुवाहाटी में दूसरे टी-20 मैच में जीत दर्ज करने के बाद होटल वापस लौट रही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की बस पर पत्थर फेंकने की घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस घटना को निंदनीय बताया था. इस घटना की ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शिकायत दर्ज की, जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई. फिलहाल घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन इलाके के लोग इस हरकत को लेकर शर्मिदा हैं.
उनके अनुसार ऐसी हरकत से राज्य की छवि ही नहीं, बल्कि पूरी देश की छवि खराब होगी. घटना के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम गुवाहाटी के होटल रेडिसन ब्लू में रूके हैं. होटल के बाहर कुछ फैन्स हाथों में सॉरी के पोस्टर लिए होटल के बाहर एक कतार में खड़े होकर उस घटना पर माफी मांग रहे थे. इन पोस्टर्स पर भारतीय फैंस ने पत्थर फेंकने की घटना पर खेद व्यक्त किया.
माफी के लिए कतार में खड़े हर फैन के हाथ में पोस्टर था, जिसके जरिए वे इस घटना पर खेद जता रहे थे. ऐसा करके फैंस ने बताया है कि भारतीय फैंस जीत-हार से ज्यादा खेलभावना को पसंद करते हैं और किसी भी टीम के साथ हुए ऐसे व्यवहार का वो समर्थन नहीं करते. बस पर पत्थर फेंकने की घटना पर कई खिलाड़ियों ने नाराजगी जताई थी…Next
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