इस दीवाली पटाखों की गूंज में भारी कमी आएगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 1 नवम्बर तक पटाखों की बिक्री पर रोक लगी रहेगी. प्रतिबंध पर व्यापारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रोक को बरकरार रखा है. वहीं दूसरी तरफ पटाखे बैन होने से लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.
एक तरफ लोग इसे पर्यावरण की दृष्टि से सराहनीय फैसला बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. पटाखों के विरोध में सोमवार सुबह एक और मामला देखने को मिला. दिल्ली-एनसीआर में सुबह कई दीवारों पर सुप्रीम कोर्ट के विरोध में पोस्टर लगे हुए दिखाई दे रहे हैं. ये पोस्टर पटेल चौक मेट्रो स्टेशन, आईटीओ और अशोक रोड पर पटाखा बैन के पोस्टर लगे दिखे. इनमें से एक पर लिखा गया है,
‘IIT कानपुर की रिपोर्ट कहती है कि पटाखों से कहीं अधिक प्रदूषण अन्य स्रोतों से होता है. आप केवल पटाखे ही देख पाए’. पोस्टर के अंत में लिखने वाले का नाम ‘दिल्ली की जनता’ दिया गया है. ये पोस्टर दिल्ली में ऐसी जगहों पर लगाए गए हैं, जहां हर वक्त पुलिस की चौकसी रहती है. आईटीओ पर तो दिल्ली पुलिस का हेडक्वॉर्टर भी है. ऐसे में कोई कैसे पोस्टर कैसे लगा गया, इसको लेकर दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं.
दीवाली के ठीक पहले इस तरह की गतिविधियों को लेकर पुलिस ने अपने कमर कस ली है क्योंकि कुछ लोग इस फैसले को हिन्दू धर्म की आस्था पर हमले के रूप में देख रहे हैं. जबकि सोशल मीडिया पर ‘एंटी हिन्दू’ हैशटेग चलाया जा रहा है.
अब देखना ये है कि पोस्टर लगाने वालों तक पुलिस के हाथ पहुंच पाते हैं या नहीं. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से माहौल तनावपूर्ण होता दिख रहा है. …Next
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