1 फरवरी को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने स्वास्थ्य जगत के लिए कई घोषणा की, इसमें से सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है मोदीकेयर की। इसकी खास बात ये होगी कि ये बीमा योजना कैशलेस होगी। केन्द्र सरकार के ऐलान के मुताबिक लगभग 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाएगा और इसके लिए केन्द्र सरकार को प्रति वर्ष 1.72 डॉलर (11 हजार करोड़ रुपये) का बोझ सरकारी खजाने पर डालना होगा। सरकार ने ये भी दावा है कि इसी साल इसे शुरू किया जाएगी और साथ ही इसे आधार के साथ जोड़ा जाएगा।
इस योजना की शुरूआत इस साल 2 अक्टूबर से होगी
सरकार को उम्मीद है कि इसे अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर धन का आवंटन बढ़ाया जाएगा। ‘मोदीकेयर’ के रूप में चर्चित राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत कुल आबादी के 40 प्रतिशत यानी 10 करोड़ परिवारों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आने पर पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा बीमा सुरक्षा दी जाएगी।
आधार नंबर का होगा इस्तेमाल
बजट में घोषित स्वास्थ्य बीमा की ‘नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम’ को लागू करने के लिए सरकार ‘आधार’ नंबर का इस्तेमाल कर सकती है ताकि इसका लाभ सही हकदारों को मिले। आधार कार्ड की मदद से बीमा क्लेम की राशि डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के द्वारा सीधे अस्पताल के खाते में पहुंच जाएगी।
ये होंगे फायदे
आधार का फायदा यह होगा कि इससे लोगों का एक तो साफ-सुथरा डेटा बेस तैयार मिलेगा और आधार कार्ड होने की वजह से किसी व्यक्ति के अस्पताल पहुंचने पर उसका तत्काल इलाज शुरू हो सकेगा। इमरजेंसी या कैसलेश इलाज के मामले में यह काफी मददगार साबित होगा। यही नहीं, इससे किसी तरह के फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगेगा।
यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है
मोदी सरकार को अगले वर्ष यानी 2019 में आम चुनावों का सामना करना है। माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार की यह योजना चुनावों को देखते हुए शुरू की जा रही है और कहा जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। हालांकि वित्त सचिव हसमुख अधिया का कहना है कि इस योजना को अमली जामा पहनाने में 6 महीने का वक्त लगेगा और इस दौरान केन्द्र और राज्य सरकारें इसे देशभर में प्रभावी तरीके से लागू करने का रोडमैप तैयार करेंगी। मीडिया की मानें तो सरकार इसे 15 अगस्त को शुरू करेगी, हालांकि अगर इसमें ज्यादा वक्त लगता है कि तो इसे 2 अक्टूबर तक लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
किन्हें कवर किया जाएगा?
1. 2011 के सोशियो-इकनॉमिक कास्ट सेन्सस में ‘वंचित’ के तौर पर वर्गीकृत 10 करोड़ परिवार। प्रति परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का कवरेज।
2. एक बार जब योजना लॉन्च हो जाएगी तो ये परिवार खुद-ब-खुद इसके दायरे में आ जाएंगे। परिवार के आकार पर कोई सीमा नहीं है यानी परिवार में चाहे जितने सदस्य हों, सबको कवरेज मिलेगा।
स्कीम को लागू करने की टाइमलाइन
1. मार्च तक स्कीम को मंजूरी
2. मार्च तक इससे जुड़े स्टेकहोल्डर्स स्कीम को लेकर मंथन करेंगे।
3. अप्रैल में इससे जुड़े डेटा को तैयार किया जाएगा तो जून तक आईटी सिस्टम की तैयारी हो जाएगी।
4. जून में ही स्कीम को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
5. जुलाई तक इसके लिए राज्य अपनी तैयारियां कर लेंगे और उसी महीने इसके लिए टेंडर निकाला जा सकता है।…Next
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